चुकन्दर के ब्लड प्रेशर मे फायदे
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चुकंदर के फायदे @onlychikitsa |
चुकन्दर जैसी सर्वसुलभ सब्जी से आप सभी परिचित है । यह सर्दियों में पैदा होने वाली सब्जी है। इसका सुर्ख लाल रक्त रंग आकर्षक होता है। जिसका स्वाद खाने में कसैला महसूस होता है। लेकिन गुणों में भरपूर होता है इसकी सलाद खाई जाती है। आयुर्वेद के सिद्धान्त के अनुसार मनुष्य का आहार ही, मनुष्य की औषधि हो सकती है। पूरे शरीर में ब्लड ले जाने वाले धमनियों मे कोलेस्ट्रोल के जमाव के कारण हाई बीपी या ब्लड प्रेशर की शिकायत हो जाती है जिसे दूर करने में चुकंदर सहायक हो सकता है। चूंकि उच्च रक्तचाप में वात दोष की प्रमुखता स्पष्ट रूप से पायी जाती है। इसलिए रक्तचाप ( ब्लड प्रेशर ) को दूर करने में चुकंदर सहायक हो सकता है। चुकंदर के रस का उपयोग करने पर 10 दिन में ही blood pressure control हो सकता है और सभी दवाइयाँ छूट सकती हैं। तो आइए आज हम चुकंदर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण उपयोगों की चर्चा करें।
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चुकंदर के विभिन्न भाषा में नाम :-
चुकन्दर को संस्कृत रक्तगुंजन, हिन्दी, फारसी और उर्दू चुकन्दर, बंगला में बिटपलंग, पलंगसाग, अंग्रेजी में बीट और लेटिन भाषा में बीटा बल्गेरिस कहते हैं।
चुकंदर के आयुर्वेदिक गुण :-
इसका कन्द या जड़ मधुर रस, गुरु, पचने में भारी होता है। मधुर रस होने से वात और पित्त का निश्चित रूप से दूर करता है। वनौषधि चन्द्रोदयकार ने इसे मानसिक विकार में अत्यन्त लाभप्रद कहा है। हकीम दलजीत सिंह ने यूनानी द्रव्य गुण विज्ञान में चुकन्दर को पौष्टिक कहा है।
चुकंदर का रासायनिक संगठन :-
इसके कन्द में स्टार्च, शर्करा और एक गुणोत्पादक सत्व बीटिन पाया जाता है। हरे चुकन्दर में अपेक्षाकृत अधिक आयरन या लौह तथा विटामिन, विशेषकर विटामिन 'ए' पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त प्रति किलोग्राम में 2 मि.ग्रा. जिंक तथा विटामिन बी एवं विटामिन सी पाया जाता है।
कब्ज का स्थाई इलाज :-
चुकंदर में पाया जाने वाला फाइबर कब्ज को दूर करने के लिए आवश्यक है। चुकन्दर में पृथ्वीतत्व पर्याप्त मात्रा में होने के कारण कब्ज को भी स्थायी रूप से समाप्त करता है। आधुनिक चिकित्सक अपने शब्दों में यह कहेंगे कि चुकन्दर में “फाइबर" होता है अतः कब्ज दूर होती है।।
रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को ठीक करता है :-
ताजी हरी चुकंदर ने पर्याप्त मात्रा में आयरन पाया जाता है जो रक्त के निर्माण के लिए आवश्यक होता है ऐसे रोगी जिनको हिमोग्लोबिन कम रहता है इसका उपयोग करके हीमोग्लोबिन बढ़ा सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर को ठीक करता है:-
रोज एक गिलास चुकन्दर के रस का सेवन करने से उच्च रक्तचाप को काबू में रखा जा सकता है। चुकन्दर में मौजूद नाइट्रेट एक घण्टे में रक्तचाप को कम करने की क्षमता रखता है। यह ब्लड वेसल्स को फैला देता है, और हाई ब्लड प्रेशर को दूर करता है है। साथ-साथ कब्ज भी दूर होती है।
चुकंदर का प्रयोग विधि-
चुकन्दर का कन्द और पत्ते को कूटकर चौगुना पानी मिलाकर धीमी आँच पर पकाया गया जब तीनभाग पानी जल गया तब उतारकर मसलकर कपड़े से छानकर फिर धीमी आँच पर पकाकर घनसत्व तैयार किया गया। यह धनसत्व 5-5 मिली सुबह शाम खाली पेट गरम पानी से दिन में दो बार। इससे 2-3 बार सामान्य पतले दस्त भी आए जो कि 6वें दिन तक में समाप्त हो गये।, ह्रदय दीपन, पाचन हेतु तथा कैल्शियम तत्वों के पूर्ति के लिए प्रवालपंचामृत मुक्तायुक्त 4-4 गोली सुबह-शाम गरम पानी से दे ।
रक्त की कमी या रक्ताल्पता मे :-
चुकन्दर का प्रयोग रक्ताल्पता को अवश्य दूर करता है पर 'किडनी फेल्योर' रोगियों में नहीं। रक्ताल्पता के रोगी चुकन्दर का रूप 1-1 गिलास सुबह-शाम स्वाद के अनुसार जीरा सेन्धा नमक, सोंठ (अदरख रस) मिलाकर सेवन करें यदि हेमोफिट कैपसूल 1-1 सुबह-शाम लें तो सोने में सुगन्ध का काम करता है।
जुऔं (यूका) और डैंड्रफ या रुषि को दूर करता है :-
जुआँ (यूका) मारने में भी चुकन्दर की महत्वपूर्ण उपयोगिता है। चुकन्दर और उसके पत्तों को कुचलकर पानी मिलाकर काढ़ा बनाये और छानकर सुबह प्रतिदिन बाल धोने से कुछ ही दिनों में जुये (यूका) मर जाते हैं तथा सिर की रूसी नष्ट होती है।
चुकन्दर की सब्जी पौष्टिक, कामशक्तिवर्धक है :-
चुकंदर में नाइट्रेट की मात्रा, नाइट्रोजन की मात्रा होती है जो लिंग में स्तंभन करने में सहायक होती है। इसका दैनिक उपयोग करने से सेक्स पावर बढ़ती है।
गंजापन को दूर करने में-
बाल उगाने और उन्हें सुन्दर तथा कोमल बनाने के लिए चुकन्दर के पत्तों को मेहंदी के साथ पीसकर लगाते हैं जिससे लाभ होता है ।
चुकंदर मे भरपूर मिनरल होता है :-
चुकंदर के रस में पोटेशियम, आयरन, जिंक, सेलेनियम,फोलेट, एंटी ऑक्सीडेंट आदि मिनरल और विटामिंस पाए जाते हैं। चुकंदर में पाए जाने वाले इन विटामिन और मिनरल्स से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है।
लीवर को मजबूत बनाता है :-
चुकंदर में पाए जाने वाले विटामिंस और मिनरल्स डिटॉक्सिफिकेशन का काम करते हैं और लीवर की कार्य क्षमता को बढ़ाते हैं शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मददगार होते हैं। और लीवर को मजबूत बनाते हैं।
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