रनिंग (दौड़ने) के फायदे running benifits in hindi

रनिंग (दौड़ने) के फायदे running benifits in hindi



मनुष्य अपनी प्रारंभिक सभ्यता से लगातार दौड़ ही रहा है ।उसका दौड़ना लगातार जारी है किंतु आज के इस विकसित दौर में मनुष्य कितना व्यस्त है उसके पास समय का अभाव है मनुष्य सुबह से शाम तक अपने विभिन्न कामों में लगा रहता है बहुत से काम करता है लेकिन वह अपने शरीर के फिटनेस के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर पाता है ।और इस स्थिति में दौड़ लगाना इस समय के लिए बहुत ही आवश्यक और लाभप्रद है । दौड़ लगाना योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण अंग है दौड़ने के हमें जीवन हमारे जीवन में कई लाभ मिलते हैं।दौड़ने से हमारी बौद्धिक शारीरिक और मानसिक के व्यक्तित्व का विकास होता है शारीरिक विकास में संतुलन बना रहता है और व्यक्तित्व में निखार आता है । दौड़ लगाने ने केवल अपने शरीर को ही हरकत में नहीं लाते हैं बल्कि दौड़ से उत्पन्न स्थितियों का सामना करने के लिए हम मानसिक शक्ति का भी प्रयोग करते हैं। इसलिए दौड़ लगाने में हम शरीर और मन में तालमेल बिठाते हैं और जिस से दौड़ लगाने से हमारा हर अंग सक्रिय हो जाता है और तनाव से मुक्ति मिलती है। हम आज दौड़ लगाने के बारे में आज हम भी विस्तृत चर्चा करेंगे

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    दौड़ने से पेट पर जमा चर्बी समाप्त होता है

    पेट में जब एडिपॉज ऊतक इकट्ठा होने लगते हैं तो पेट में चर्बी जमा होने पर इसका पेट निकलने पर सीधा सा मतलब है कि हम बीमारियों को निमंत्रण दे रहे हैं। पेट पर चर्बी एकत्र होने से दिल की बीमारियां डायबिटीज और कैंसर आदि रोग हो सकते हैं। पेट को बराबर रखने के लिए प्रतिदिन दौड़ लगानी चाहिए और हमें अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए किंतु हाई बीपी के रोगी को दौड़ने के बजाय केवल टहलने का प्रयास करना चाहिए।

    आजकल एक बड़ी बेहद बेहूदा बात प्रचलन में है कि जिसकी पेट कितनी ऊंची लंबी उठ हुई है उतना ही बड़ा आदमी है पेट का बढ़ा हुआ होना बड़प्पन की निशानी नहीं है अपने पेट को संतुलित रखिए बराबर रखिए और रोगों से बच के रहिए । 


    दौड़ने के लाभ:-

    दौड़ लगाने का लाभ मनुष्य मात्र के लिए अर्थात पुरुष और स्त्री दोनों के लिए उपयुक्त है इसके नियम लाभ मिलते हैं:-

    नियमित् दौड़ लगाते रहने से हमारी पाचन शक्ति बढ़ जाती है हमें खुलकर भूख लगने लगती है शरीर से सुस्ती समाप्त हो जाती है ब्लड का सरकुलेशन बढ़ जाता है और पेट पिचकना शुरू हो जाता है भोजन को पचाने वाले रस में बाइल जूस,  रेनिन, पेप्सीन जूस, आदि होते हैं जिनका निर्माण अच्छी-खासी तरह से होने लगता है । दौड़ने से हार्मोन का भी निकलना सुचारू हो जाता है जिससे शरीर के हार्मोन का संतुलन बनने लगता है ।

    दौड़ लगाने की वजह से हमारे शरीर में बनने वाला बेकार के  पदार्थ टॉक्सिंस पसीने के रूप में त्वचा से निकलने लगता है । जिससे हमारे शरीर के टॉक्सिस लोड कम होने लगता है ।

    दौड़ लगाने से हमारे नर्वस सिस्टम मजबूत बनता है ।

    दौड़ लगाने से हमारी हड्डियां कार्टिलेज और ऊतकों में मजबूती आनी शुरू हो जाती है ।

    दौड़ लगाने से बहुत सारा टॉक्सिन पसीने के रूप में बाहर निकल जाता है चमड़ी के नीचे टॉक्सिन का जमाव कम होता है जिससे चर्म रोगों में भी लाभ मिलता है ।

    दौड़ने से और मेहनत करने से पेट कभी नहीं निकलता है

    दौड़ने से आदमी बुड्ढा नहीं दिखता और उसकी उम्र का पता नहीं चलता है उस आदमी के चेहरे पर रौनक होती है दौड़ने से बात रोग कम होते हैं और पेट कभी नहीं निकलता है ।

    दौड़ने से शरीर स्वस्थ होता है क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है बिना स्वस्थ शरीर के कोई भी कार्य संभव नहीं है इसलिए दौड़ने से हम शारीरिक और मानसिक  स्वस्थ पाते हैं ।

    दौड़ना सेहत के लिए लाभकारी होता है और हम से बीमारियां दूर रहती हैं और हमें बार-बार हॉस्पिटल जाने की जरूरत नहीं पड़ती है । 

    दौड़ने के कुछ नियम:-

    प्रत्येक स्वस्थ पुरुषों और महिलाओं को सूर्योदय से 30 मिनट पहले दौड़ना चाहिए ।

    असमर्थ और अस्वस्थ लोगों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार 10 से 30 मिनट तक टहलना चाहिए ।

    गर्भवती महिलाओं को अपने सामर्थ्य के अनुसार ही आसपास चहल-कदमी करनी चाहिए लेकिन धीरे धीरे चलना चाहिए ।

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